मन की मंजूषा में
तुम करो संहार तो करते रहो, हम सृजक हैं और रच लेंगे नया।
Followers
Tuesday 4 December 2018
सलाम दुनिया में कविता- रंग रोगन
कोलकाता से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र "सलाम दुनिया" के 5 नवम्बर 2018 में प्रकाशित हुई एक कविता
1 comment:
मंजूषा मन
19 March 2024 at 18:45
यादें
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
यादें
ReplyDelete