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Wednesday 11 April 2018

हाइकु समीक्षा - श्री रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी द्वारा

मेरा एक हाइकु...

"यह जीवन
 किस तरह बाँचुूँ
 कोरा कागज।

यह हाइकु लगभग 3 वर्ष पहले लिखा था... इस हाइकु की विस्तृत व्याख्या आदरणीय श्री रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी ने वेब पत्रिका "हिंदी हाइकु" पर लिखी थी। इस व्याख्या को जब भी पढ़ते हैं तो आश्चर्य होता है कि एक हाइकु (केवल 17 वर्ण में कहे गए) इतनी विस्तृत व्याख्या सम्भव है... आदरणीय रामेश्वर जी के लिए आभार और श्रद्धा उमड़ आती है... साथ ही अपने हाइकु पर गर्व होता है।

आदरणीय रामेश्वर जी को सादर आभार           

 मंजूषा मन


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4 comments:

  1. बेहतरीन!शुभकामनाएं मंजू जी

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  2. धन्यवाद ज्ञानेंद्र जी

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  3. शानदार हाइकु हुआ मंजूषा साहिबा आपको बहुत बहुत मुबारकबाद ज़िन्दगी की पेचीदगी को बाख़ूबी बयाँ किया आपने

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  4. ज़िन्दगी की पेचीदगीयोँ को हाइकु मे बाख़ूबी बयाँ किया आपने बहुत बहुत मुबारकबाद मंजूषा साहिबा

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