*साकीबा साहित्य सम्मेलन*
दिनाँक 1 अप्रैल 2018 को विदिशा में *साकीबा (साहित्य की बात) समूह* (श्री ब्रज श्रीवास्तव जी द्वारा संचालित) के तीसरे साहित्य सम्मेलन एवं पुष्प स्मरण कार्यक्रम में शामिल हुए।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में साकीबा समूह से जुड़े होने के अनुभव साझा करने का अवसर प्राप्त हुआ। साथ साहित्य जगत के जाने पहचाने रचनाकारों से भेंट करने का सुअवसर मिला और *सबसे मिलकर जाना कि ये आभासी दुनिया पूर्णतः आभासी नहीं है इसमें अपनापन और वास्तविकता भी है।* साथ ही सबके साथ काव्यपाठ करना विशेष यादगार अनुभव रहा।
कार्यक्रम में *बेटी प्रकृति ने भी काव्यपाठ* करके उपस्थित सभी साहित्यकारों को आकर्षित कर शुभकामनाएं बटोरीं।
कार्यक्रम में रचनाकार श्री देवीलाल पाटीदार, प्रो.प्रज्ञा रावत, नवल शुक्ल, प्रदीप मिश्र, उत्तम राव बिजवे, डा.पदमा शर्मा, डा.मोहन नागर, प्रवेश लता सोनी, संतोष तिवारी, कुंजेश श्रीवास्तव, आनंद सौरभ उपाध्याय, नीलिमा, प्रो संजीव कुमार जैन, मुस्तफा खान, अर्चना नायडू, श्रीमती संतोष श्रीवास्तव, सुदिन श्रीवास्तव, और सईद अय्यूब, महेन्द्र वर्मा, अविनाश तिवारी, डॉक्टर पद्मा शर्मा, दिनेश मिश्र, मधु सक्सेना, उदय ढोली, रेखा दुबे, हरगोविंद मैथिल, आभा बोधिसत्व, राजेन्द्र श्रीवास्तव ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम में देश भर से लगभग 50 से भी अधिक साहित्यकार उपस्थित हुए।
समस्त अतिथियों का उदयेश्वर मंदिर की तस्वीर प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया।
युवा कथाकार सईद अय्यूब एवं पूर्व विंग कमांडर अनुमा आचार्य द्वारा कुशल मंच संचालन किया गया।
हार्दिक आभार ब्रज श्रीवास्तव जी एवं समस्त साकीबा परिवार।
*मंजूषा मन*
दिनाँक 1 अप्रैल 2018 को विदिशा में *साकीबा (साहित्य की बात) समूह* (श्री ब्रज श्रीवास्तव जी द्वारा संचालित) के तीसरे साहित्य सम्मेलन एवं पुष्प स्मरण कार्यक्रम में शामिल हुए।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में साकीबा समूह से जुड़े होने के अनुभव साझा करने का अवसर प्राप्त हुआ। साथ साहित्य जगत के जाने पहचाने रचनाकारों से भेंट करने का सुअवसर मिला और *सबसे मिलकर जाना कि ये आभासी दुनिया पूर्णतः आभासी नहीं है इसमें अपनापन और वास्तविकता भी है।* साथ ही सबके साथ काव्यपाठ करना विशेष यादगार अनुभव रहा।
कार्यक्रम में *बेटी प्रकृति ने भी काव्यपाठ* करके उपस्थित सभी साहित्यकारों को आकर्षित कर शुभकामनाएं बटोरीं।
कार्यक्रम में रचनाकार श्री देवीलाल पाटीदार, प्रो.प्रज्ञा रावत, नवल शुक्ल, प्रदीप मिश्र, उत्तम राव बिजवे, डा.पदमा शर्मा, डा.मोहन नागर, प्रवेश लता सोनी, संतोष तिवारी, कुंजेश श्रीवास्तव, आनंद सौरभ उपाध्याय, नीलिमा, प्रो संजीव कुमार जैन, मुस्तफा खान, अर्चना नायडू, श्रीमती संतोष श्रीवास्तव, सुदिन श्रीवास्तव, और सईद अय्यूब, महेन्द्र वर्मा, अविनाश तिवारी, डॉक्टर पद्मा शर्मा, दिनेश मिश्र, मधु सक्सेना, उदय ढोली, रेखा दुबे, हरगोविंद मैथिल, आभा बोधिसत्व, राजेन्द्र श्रीवास्तव ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम में देश भर से लगभग 50 से भी अधिक साहित्यकार उपस्थित हुए।
समस्त अतिथियों का उदयेश्वर मंदिर की तस्वीर प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया।
युवा कथाकार सईद अय्यूब एवं पूर्व विंग कमांडर अनुमा आचार्य द्वारा कुशल मंच संचालन किया गया।
हार्दिक आभार ब्रज श्रीवास्तव जी एवं समस्त साकीबा परिवार।
*मंजूषा मन*
बहुत बढ़िया रिपोर्ट । सचमुच आभासी से मिलना अद्भुत होता है । आभार मंजूषा ।
ReplyDeleteआभार मधु जी... स्नेह बनाये रखियेगा
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा ,सबके यादगार पल सहेज लिए
ReplyDeleteआभार प्रवेश जी
Deleteबेहतरीन कार्यक्रम ।आभासी दुनिया के साथियों से साकार मिलन की बहुत सुंदर रिपोर्ट . . .
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद हरगोविंद जी
Deleteरपट पढ़कर लगता है कि... आयोजन बहुत अच्छा और सार्थक रहा होगा...सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई और शुभ कामनाएं...
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया अरविन्द जी
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