मन की मंजूषा में
तुम करो संहार तो करते रहो, हम सृजक हैं और रच लेंगे नया।
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Tuesday 9 October 2018
सरस्वती सुमन के क्षणिका विशेषांक में क्षणिकाएँ
हिंदी साहित्य की प्रतिष्ठित पत्रिका "सरस्वती सुमन" के अगस्त 2018 के क्षणिका विशेषांक में मेरी भी क्षणिकाएँ... सम्पादक मंडल का धन्यवाद
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