मन की मंजूषा में
तुम करो संहार तो करते रहो, हम सृजक हैं और रच लेंगे नया।
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Wednesday, 20 June 2018
समीक्षा प्रकाशित
बीकानेर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र "युगपक्ष" में मेरे द्वारा लिखित वरिष्ठ गीतकार आदरणीय कृष्ण बक्षी जी के ग़ज़ल संग्रह "सवालों की दुनिया" की समीक्षा
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